Wednesday, June 6, 2012

बस जिन्दा रह गये है .....


यह जीवन की राहें ..
जो हमें भूल जाएँ ,
तो अच्छा होता ...
ऐसे जहाँ से
दिल लगायें भी क्यों ??

हालत पे अपनी ...
तो शबनम भी रोये
पर कोई कहता है ,
हम भूल गये उनको

बरबादियों की अजब
कहानी सी बन गये है ,
वादे भूलते , कसम तोड़ते
बस जिन्दा रह गये है |

7 comments:

  1. बरबादियों की अजब
    कहानी सी बन गये है ,
    वादे भूलते , कसम तोड़ते

    सुंदर सार्थक भावपूर्ण अभिव्यक्ति ,,,,,

    MY RESENT POST,,,,,काव्यान्जलि ...: स्वागत गीत,,,,,

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  2. बहुत बढिया।

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  3. जैसा भी हो हर हाल में जीना तो पढता है ... साँसों का खेल खेलना पढता है ...

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  4. ज़िन्दगी है... तो अनंत संभावनाएं हैं!

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  5. आभार आप सभी का .....

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