खुद को पहचानते नहीं जब
पहचान माँगते है......
हम वक़त से कुछ ना सीखी
वो ये बात जानते है ......
पहचान माँगते है......
हम वक़त से कुछ ना सीखी
वो ये बात जानते है ......
जो लोग रफ़्तार में है, जो
उनकी नब्ज़ तो टटोलो
वो छोटों के दोस्ती नहीं
पर दुश्मनों को वो अपना
मददगार मानते है.......
उनकी नब्ज़ तो टटोलो
वो छोटों के दोस्ती नहीं
पर दुश्मनों को वो अपना
मददगार मानते है.......
क्या कमी है, हममें ?
वो ये बात जानते है |
हम भरोसा कर चलते है
उनको अपनी हर चाल पर
भरोसा होता है .......
वो ये बात जानते है |
हम भरोसा कर चलते है
उनको अपनी हर चाल पर
भरोसा होता है .......
उनका शायद हर रिश्ता
मतलबी ही होता है .....
सब्र इतना की भगवान से
अपनी खुशियाँ छीन ले वो
मतलबी ही होता है .....
सब्र इतना की भगवान से
अपनी खुशियाँ छीन ले वो
तुम तो उन्हें अपनी उम्मीद कहते हो
वो खुद को तुम्हारा भगवान कहते है...
तुम जिनता टूटो तो वो मज़बूत होंगे...
तुम ज़रा सा रूठो तो वो अनजान बनते है |
वो खुद को तुम्हारा भगवान कहते है...
तुम जिनता टूटो तो वो मज़बूत होंगे...
तुम ज़रा सा रूठो तो वो अनजान बनते है |
-- सम्पा बरुआ |
बहुत खूब |
ReplyDeleteजी धन्यवाद |
Deleteजी धन्यवाद |
ReplyDeleteबहुत ही भावनात्मक. बहुत खूब. बधाई.
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