tag:blogger.com,1999:blog-651977937796193563.post4640756757220858407..comments2023-09-23T09:02:29.709-07:00Comments on poit: तुम्हारे लिए जिती हूँ ...Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/04682604326018796020noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-651977937796193563.post-43283158314083765782011-12-22T23:24:38.275-08:002011-12-22T23:24:38.275-08:00प्यार के माध्यम से मृदुल कोमल भावों की सुन्दर अभिव...प्यार के माध्यम से मृदुल कोमल भावों की सुन्दर अभिव्यक्ति की है<br />..........दिल को छू लेने वाली प्रस्तुतीसंजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-651977937796193563.post-20291616083068823522011-12-22T23:14:32.400-08:002011-12-22T23:14:32.400-08:00खूबसूरत अहसास बहुत सुंदर प्रस्तुति,....
एक अनुरोध ...खूबसूरत अहसास बहुत सुंदर प्रस्तुति,....<br />एक अनुरोध आपसे अपनी रचना २-३ के अन्तर से पोस्ट करे ताकि लोग अधिक से अधिक आपके ब्लॉग "नएपोस्ट" में पहुच सके,..<br />निरंतर प्रयाश इसी तरह करती रहे,मेरी बहुत२ शुभकामनाए......<br /><br />नई रचना के लिए <a href="http://dheerendra11.blogspot.com" rel="nofollow">काव्यान्जलि</a>मे click करेधीरेन्द्र सिंह भदौरिया https://www.blogger.com/profile/09047336871751054497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-651977937796193563.post-2838185095503002972011-12-22T21:15:05.517-08:002011-12-22T21:15:05.517-08:00dhanywad aap sabhi kadhanywad aap sabhi kaAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/04682604326018796020noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-651977937796193563.post-3255588186654031792011-12-22T09:12:23.178-08:002011-12-22T09:12:23.178-08:00कितनी सुन्दर अभिव्यक्ति है,
शब्द-शब्द में दर्द भरा...कितनी सुन्दर अभिव्यक्ति है,<br />शब्द-शब्द में दर्द भरा है।<br />point आपकी कविता पढ़करष<br />हुआ ये मेरा दर्द हरा है।।dinesh aggarwalhttps://www.blogger.com/profile/18216221541613478194noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-651977937796193563.post-14805437768633340112011-12-22T08:52:24.420-08:002011-12-22T08:52:24.420-08:00सुंदर....सुंदर....Atul Shrivastavahttps://www.blogger.com/profile/02230138510255260638noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-651977937796193563.post-36577612059627007402011-12-22T08:39:25.917-08:002011-12-22T08:39:25.917-08:00आज ना जाने लिखते लिखते कलम क्यों थम सी रही है .......आज ना जाने लिखते लिखते कलम क्यों थम सी रही है .....<br />कहीं दूर से किसी जाने पहचाने के मंद से स्वर ....<br />तेरे साथ रहने से जीना सीखा ... दूर रहे तो मारना भी सीख लेंगे.....<br />ह्रदय के आर पार होते जा रहे हैं .... एक एह्शास ... जिम्मेदारी का ..<br />मानो बरसों की नींद से जागकर अंगडाई लेने लगा है ...<br />अंतस के स्वर शनै शनै स्वतः प्रस्फुटित हो रहे हैं ....<br />हाँ वह सत्य है ... वह बहम नहीं है सत्य ही तो है ....<br />परख .... खुद भी परख ...<br />दूर रहकर जो तू साँस ले रहा है ... क्या वास्तव में तू ज़िंदा है?!<br />वह अल्हड सी हंसी जिसको सुनने को तेरे कान हिरन की तरह ...<br />हर आहाट पर चौंक जाते हैं .... और नीरवता के अंधेरों में ...<br />सुनना केवल अपनी ही धडकनों का शोर .... क्या यह तेरा जिंदापन है?!<br />देख ...देख ..शायद वो तेरी खुद की धुंधली सी परछाई उसीकी हो...<br />जिसके दीदार को प्यासे नैनों की प्यास तू अपने आंसुओं से बुझाता रहा है ...<br />यह भी तो जिंदगी नहीं है .... जब तू बिना उसके साँस लेकर भी ज़िंदा नहीं ...तो ...<br />उसकी साँसों में बसा तू यदि उससे दूर है तो ... फिर ...... वो ....................<br />उफ़!!!! ... ना जाने क्यों ये कलम थम सी रही है!रघुनन्दनभैया 'अक्षर'https://www.blogger.com/profile/16119110904452877036noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-651977937796193563.post-12133722757225758102011-12-22T07:57:53.542-08:002011-12-22T07:57:53.542-08:00लेकिन सच सुनते जाओ
तुम खुद से ही दूर जाना
चाहते हो...लेकिन सच सुनते जाओ<br />तुम खुद से ही दूर जाना<br />चाहते हो |<br />ज्यादा दूर नहीं रह पाओगे<br />अगर भूलना भी चाहोगे<br />उसी समय आँखों के<br />सामने ही पाओगे |<br />Vah point ji behad khoob soorat rachana ke liye ... abhar.Naveen Mani Tripathihttps://www.blogger.com/profile/12695495499891742635noreply@blogger.com