दो तिश्मरखा बड़ी -बड़ी हक़ रहे थे, " एक ने कहा जो बात शुरू होते ही खत्म हो जाये वो बात-बात नहीं होती "
किसी को समझ नहीं आया सभी ने वाह-वाह कह दिया इसपे दूसरा बोला " वो बात-बात नहीं -2 जो आप के साथ नहीं और उन बातो मे भी कही आपकी बात नहीं " फिर से किसी को समझ नहीं आया सभी ने वाह-वाह कह दिया एक आदमी जो दोनों को छेल रहा था उसे रहा नहीं गया उसने कहा " बस करो- बस करो कासमसे ये रात नहीं होती इन निकमो की बात नहीं होती और हमारी इनसे मुलाकात नहीं होती " |
love u sampa
ReplyDeletei love my india
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