जो मिला कम है ,
ज़्यादा ख़ुशी में भी
होती ये आँखे नम है |
हम जो मैं में नहीं रहते
तो आप से होशियारी में
बहुत ही कम है
काम हमारा भी लोगों को
अच्छा लगता है, इन्हीं
बचकानी हरकतों में
कहीं छुपें, हम है |
दुनियाँ देखनेवाले कई
आँखे देख रखी है, मैंने |
पर उन्हें क्या दिखाई दिया,
जब उनके अपने हीं कई गम है..
मुझे कल्पनाएँ, हकीकतों से
सुन्दर लगती है
' मैं काल्पनिक हूँ '
पर अपनी हुकुम्म्त में , हम है |
क्या कहूँ तुम राजा हो, हम रंक है....
पर मुझे वजहों ने मज़बूर किया, ये कहने को
मेरी उडान तुम्हारी पहुँच में नहीं ...
फिर भी कहूँगी,
तुम-तुम हो और हम-हम है |
-- सम्पा बरुआ |
ज़्यादा ख़ुशी में भी
होती ये आँखे नम है |
हम जो मैं में नहीं रहते
तो आप से होशियारी में
बहुत ही कम है
काम हमारा भी लोगों को
अच्छा लगता है, इन्हीं
बचकानी हरकतों में
कहीं छुपें, हम है |
आँखे देख रखी है, मैंने |
पर उन्हें क्या दिखाई दिया,
जब उनके अपने हीं कई गम है..
मुझे कल्पनाएँ, हकीकतों से
' मैं काल्पनिक हूँ '
पर अपनी हुकुम्म्त में , हम है |
पर मुझे वजहों ने मज़बूर किया, ये कहने को
फिर भी कहूँगी,
तुम-तुम हो और हम-हम है |
हार की खुशियाँ
ReplyDeleteयह जो भारत है ना जब किसी को बिठाता है तो पलकों पर भी बिठा लेता है लेकिन जब पलकों पर बेठने वाला ही आँखों से छेड़खानी करे तो फिर पटकना भी बहुत अच्छी तरह जनता है
यही आज बिहार मैं हुआ यह पहली बार हुआ है जब किसी के जीतने के ख़ुशी मनाने के बजाये किसी के हारने पर ज्यादा ख़ुशी मनाई जा रही है ....और ऐसा होना भी लाजमी था
ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि इस चुनाव के आक्रमक भाषणो मैं सब कुछ था गाय थी दादरी की घटना थी लेकिन बिहार नहीं था जिसका नतीजा सबके सामने है
सच कहा जाये तो यह प्रधानमंत्री की ही हार है मोदी जी ने पूरी ताक़त जो लगाई थी उन्होंने और पूरी पार्टी ने मिलकर लगभग 900 रेलियाँ की और BJP के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह पूरी तरह से बिहार में डटे रहने के बावजूद हार गए ....
याद रखना चाहिए की हर बार विजय रथ का जुमला नहीं उछाला जा सकता .विकास भाषणो में नहीं
असल में करके दिखाना पड़ता है ..जिस विकास का मुद्दा 2014 में उठाया गया था वो बिहार चुनाव आते आते धरातल तक पहुँच गया ..अमित शाह और उसके सिपहसलारों को बिहार के परिणामों ने बता दिया की मुस्लिमो का नाम लेकर हिन्दुओं का ध्रुवीकरण करने की कोशिशें कहीं भी सफल नहीं हो सकती
सच है की बिहार में BJP की हार भारत के आने वाले भविष्य की राह तय करेगी .....
वजीरों को भी तो रास्ता मालूम होना चाहिए “साहेब”
सिर्फ काफिले ही तय नहीं करते सियासत की मंजिल
बिलकुल सहीं कहा आपने |
Deleteदुनियाँ देखनेवाले कई
ReplyDeleteआँखे देख रखी है, मैंने |
पर उन्हें क्या दिखाई दिया,
जब उनके अपने हीं कई गम है..
बहुत सुन्दर .. अतीत के पन्ने पलट कर रख दिए हैं ... अच्छी प्रस्तुति