Monday, July 9, 2012

नज़रों से झलकता अश्क ना होगा ...

नफा नुकसान जो जिन्दगी में ना हो ,
तो क्या कोई रिश्ते पनप पायेगे ??
ना कोई नींद प्यारी होगी ...कभी 
और ये बाते भी अधूरी सी हो जाएगी |

क्या सहारा , क्या साथ देना ....
और जीना तो एक एहसान सा होगा |
जागते-जागते लोगो की नींद कटेगी ..
और दबी बात ना कहीं, ना सुनी जाएगी |

नज़रों से झलकता अश्क ना होगा ...
तब उम्र एक पहेले सी होगी ...
साँस लेने की फरियाद करना भी ,
एक  बेबसी ही होगी ...... |

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