अब के सावन मेघा रे ,
जो तूँ ना आयी उनके साथ
तो मेरी प्यास तेरे आने से भी ,
बुझ ना पायेगी |
और किसी झरोखे से ....
उन्हें खोजती मेरी नज़र ...
आँसुओं में भीगकर,
मायुसी में कहीं खो जायेगी |
कुछ तो कर जा ऐसा,
की हमें फिरे से जीने की कोई वजह मिल जाये ,
दूर रहे सदा वो हमसे ....
पर फिर भी एक हसीन मुलाकात में ..
...खोया सब कुछ हमे फिर दे जा |
जरा सोच , जब दो मन एक ही आंगन में मिल जायेगे ...
तो दो दिल के बीच की सारी दीवारे भी मिट जायेगे ...
तब तन - बदन में आग लगेगी और हम भींगकर भी सावन में जल जायेगे |
जो तूँ ना आयी उनके साथ
तो मेरी प्यास तेरे आने से भी ,
बुझ ना पायेगी |
और किसी झरोखे से ....
उन्हें खोजती मेरी नज़र ...
आँसुओं में भीगकर,
मायुसी में कहीं खो जायेगी |
कुछ तो कर जा ऐसा,
की हमें फिरे से जीने की कोई वजह मिल जाये ,
दूर रहे सदा वो हमसे ....
पर फिर भी एक हसीन मुलाकात में ..
...खोया सब कुछ हमे फिर दे जा |
जरा सोच , जब दो मन एक ही आंगन में मिल जायेगे ...
तो दो दिल के बीच की सारी दीवारे भी मिट जायेगे ...
तब तन - बदन में आग लगेगी और हम भींगकर भी सावन में जल जायेगे |
sundar kavita barish me bhigti yaade.
ReplyDeletewah nice abhivyakti hai.....♥
अब सावन आया है...तो मिलवा कर ही रहेगा...
ReplyDeleteखूब भीगिये मिल कर...
अनु
बहुत अच्छी प्रस्तुति!
ReplyDeleteइस प्रविष्टी की चर्चा आज रविवार के चर्चा मंच पर भी होगी!
सूचनार्थ!
बहुत सुंदर !
ReplyDeleteसावन और मेघ को
हम भी डाँठ लगायेंगे
देखते हैं कैसे नहीं
इस बार वो उनको
भी लेकर आयेंगे!!
आखिर वो इन्तजार ख़त्म हो ही जाएगा सावन आँगन में खुशियाँ बरसायेगा बहुत अच्छी भावाभिव्यक्ति
ReplyDeleteबहुत सुन्दर
ReplyDeleteअब तो सावन जरुर उनको साथ ले आएगा
भावो को खूबसूरती से व्यक्त करती रचना:-)
सावन की रचना ..
ReplyDeleteसुंदर !!
वाह ... आपकी आना तो उन्हें साथ लाना ... सावन से गिला ...
ReplyDeleteतो दो दिल के बीच की सारी दीवारे भी मिट जायेगे ...
ReplyDeleteतब तन - बदन में आग लगेगी और हम भींगकर भी सावन में जल जायेगे |
wah... bahut khub:)
♥(¯`'•.¸(¯`•*♥♥*•¯)¸.•'´¯)♥
♥नव वर्ष मंगलमय हो !♥
♥(_¸.•'´(_•*♥♥*•_)`'• .¸_)♥
जब दो मन एक ही आंगन में मिल जाएंगे ...
तो दो दिलों के बीच की सारी दीवारें भी मिट जाएंगी ...
तब तन - बदन में आग लगेगी
...और हम भींगकर भी सावन में जल जाएंगे
वाऽह ! क्या बात है !
POINT जी :)
इस बार सावन के महीने का इंतज़ार रहेगा आपकी कविता की स्मृति के साथ ...
…
नव वर्ष की शुभकामनाओं सहित…
राजेन्द्र स्वर्णकार
◄▼▲▼▲▼▲▼▲▼▲▼▲▼▲▼▲▼▲▼►