जताए क्या जब , ख़ुशी है ही नहीं
बताये क्या जब , कुछ छुपा ही नहीं ..
होसला करने को , अब तो मन कहता है ,
पर हँसी जब लबों तक आती है ...
तो अनदेखा कर, हमसे दूर चली जाती है |
हथेली पर जो लिखा नाम होता ...
तो अपने आँसूओं से शुरुआत करते
पर रगों में बहते लहूँ से भी धोकर ...
भला तेरी यादों को कैसे मिटायें |
एक तारे की धुन से हम ,
बस अपनी तुलना करते है ,
सच तो ये है , जो संगीत था
वो कहीं खो गया है ....
ये तो दर्द की अनसुनी पुकारें है |
बताये क्या जब , कुछ छुपा ही नहीं ..
होसला करने को , अब तो मन कहता है ,
पर हँसी जब लबों तक आती है ...
तो अनदेखा कर, हमसे दूर चली जाती है |
हथेली पर जो लिखा नाम होता ...
तो अपने आँसूओं से शुरुआत करते
पर रगों में बहते लहूँ से भी धोकर ...
भला तेरी यादों को कैसे मिटायें |
एक तारे की धुन से हम ,
बस अपनी तुलना करते है ,
सच तो ये है , जो संगीत था
वो कहीं खो गया है ....
ये तो दर्द की अनसुनी पुकारें है |
sundar bhaw hai rachana ke
ReplyDeletebahut achhi hai aapki lekhnee...
....:)
मन में हौसला राखिये,मन की बाते मान
ReplyDeleteमन में यदि संताप है,मन से उपजे ज्ञान,,,,,,,
RECENT POST...: राजनीति,तेरे रूप अनेक,...
Bahut sundar bhaav.
ReplyDeleteBadhayi.
............
ये है- प्रसन्न यंत्र!
बीमार कर देते हैं खूबसूरत चेहरे...
बढिया भाव...
ReplyDeleteएक तारे की धुन से हम,
ReplyDeleteबस अपनी तुलना करते है,
सच तो ये है , जो संगीत था
वो कहीं खो गया है ....
ये तो दर्द की अनसुनी पुकारें है|
बहुत सुंदर लाइनें हैं। दिल की आवाज। निश्छल। कल-कल बहती धारा सी।
जताए क्या जब , ख़ुशी है ही नहीं
ReplyDeleteबताये क्या जब , कुछ छुपा ही नहीं ..
sunder panktiyan.