Saturday, June 21, 2014

" तेरा - मेरा प्यार "

जो फुल ना हो हाथो में ,
फिर भी चाहत ये है ..
की शब्दों से ही सहीं |
आपके जीवन में "
ख़ुशी के रंग भर दूँ ...|

जो लिख रहीं हूँ ...
वो सिर्फ बाते नहीं है |
दिल की कलम से
निकले ...शब्द है ...|


जो जग रहे थे ...
तो बंद थी आँखों ..|
जो अब सोना चाहते है ..
तो आँखे खुलती नहीं है |

अब तो ना दिन ख़ुशी देता है ...
ना रात कोई गीत सुनाती है |
आज हँसू , तो हँसू कैसे ... ??
जब कोई भी हँसाती हुई बात ...
सिर्फ चुभ ही जाती है ...... |


कैसे कहूँ अपनी व्यथा ??
जो कमी होती है, कुछ हमेशा ..
कम पड़ जाता है वो दर्द ..."
वो ऐहसासों में छुपा....
" तेरा - मेरा प्यार " |

5 comments:

  1. Bahut hi maarmik bhaav.....daad qabool farmaaiyega

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  2. वाह यार बहुत आच्छे

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  3. जो जग रहे थे ...
    तो बंद थी आँखों ..|
    जो अब सोना चाहते है ..
    तो आँखे खुलती नहीं है |
    very nice expressions .thanks

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