तेरी सदाओ का अब ये असर है
बेअसर हो रहीं है मेरी हर फ़रियाद...
इब ना होगा उनकों मुझ पर यकीन
जिसे जाना था ...वो कब का छोड़ गये |
पर कैसे ?? भूल जाऊँ उन यादों को ,
भोली बातों को, अनजान ख्वाइशों को ...
किस बात की हया मुझकों ??
फक्र है अपने वजूद पर... |
आखिर मौत ही तो , अंतिम सबक है,
जिसे जल्द सीखने की चाह नहीं, मुझकों |
जो बनना चाह था ,ख्वाब किसी का |
तो आज खाक ...बनकर रह गये ||
मलाल जिन्दगी से नहीं
ना कई वजह तलाश्तें है ...
पर उस फरेब करते, फ़रेबी से
हमें सच्ची मोहोब्बत थी |
बेअसर हो रहीं है मेरी हर फ़रियाद...
इब ना होगा उनकों मुझ पर यकीन
जिसे जाना था ...वो कब का छोड़ गये |
पर कैसे ?? भूल जाऊँ उन यादों को ,
भोली बातों को, अनजान ख्वाइशों को ...
किस बात की हया मुझकों ??
फक्र है अपने वजूद पर... |
आखिर मौत ही तो , अंतिम सबक है,
जिसे जल्द सीखने की चाह नहीं, मुझकों |
जो बनना चाह था ,ख्वाब किसी का |
तो आज खाक ...बनकर रह गये ||
मलाल जिन्दगी से नहीं
ना कई वजह तलाश्तें है ...
पर उस फरेब करते, फ़रेबी से
हमें सच्ची मोहोब्बत थी |
ऐसे फरेबी को भूल ही जाएँ ..... सुन्दर लिखा है
ReplyDeleteधन्यवाद |
Deleteआखिर मौत ही तो , अंतिम सबक है,
ReplyDeleteजिसे जल्द सीखने की चाह नहीं, मुझकों |
गहन अभिव्यक्ति .... !!
धन्यवाद |
Deleteजो बनना चाह था ,ख्वाब किसी का |
ReplyDeleteतो आज खाक ...बनकर रह गये ||
....बहुत ही उम्दा लेखन है एक अच्छी कविता के लिए बधाई |
धन्यवाद |
Deleteओह …….
ReplyDeleteमार्मिक अभिव्यक्ति !
धन्यवाद |
Deleteजो बनना चाह था ,ख्वाब किसी का |
ReplyDeleteतो आज खाक ...बनकर रह गये ||
… सच जब ख्वाब खाक होकर काली गहरी रात बनती है तो लगता है अब जीवन में कुछ नहीं बचा …लेकिन दुनिया उम्मीद पर कायम है। . धुप अँधेरा है तो उसके बाद उजाला भी जरूर होना है।
बहुत बढ़िया
धन्यवाद |
Deleteहम न समझे थे बात इतनी सी
ReplyDeleteख्वाब शीशे के दुनिया पत्थर की
बहोत अच्छा लिखा है
धन्यवाद |
Deleteबहुत भावपूर्ण और मर्मस्पर्शी रचना...
ReplyDeleteधन्यवाद |
Deleteसुंदर रचना , बेहतरीन शब्दों से श्रंगित , आ. धन्यवाद !
ReplyDeleteI.A.S.I.H - ( हिंदी में समस्त प्रकार की जानकारियाँ )
धन्यवाद |
Deleteधन्यवाद |
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