कर ख़ुशी को पाने की ऐसी चाह |
की ख़ुशीया ही तेरी चाहत बन जाये ||
जब जीकर हो खुशियों का |||
तो सबसे पहला तेरा नाम हो ||||
और बस तू ही तू नज़र आये |||||
अब तो तेरे बिना कोई दूसरा |
दिलकश नजारा ही नही दिखता ||
जो अगर ना हो यकिन |||
तो एक बात मेरी सुनलो ||||
मेरी पसंद हो तुम |||||
और अब है हमारा |||||
जिश्मो-जान का रिश्ता ||||||
जो सच कहू , तो तुम मेरी खुशबू हो |
जो है मुझे बहुत ही प्यारी ||
और वो सिर्फ मेरी ही है ....
हां ...उसकी जगह कोई दूसरा |||
......................नहीं ले सकता ||||
की ख़ुशीया ही तेरी चाहत बन जाये ||
जब जीकर हो खुशियों का |||
तो सबसे पहला तेरा नाम हो ||||
और बस तू ही तू नज़र आये |||||
अब तो तेरे बिना कोई दूसरा |
दिलकश नजारा ही नही दिखता ||
जो अगर ना हो यकिन |||
तो एक बात मेरी सुनलो ||||
मेरी पसंद हो तुम |||||
और अब है हमारा |||||
जिश्मो-जान का रिश्ता ||||||
जो सच कहू , तो तुम मेरी खुशबू हो |
जो है मुझे बहुत ही प्यारी ||
और वो सिर्फ मेरी ही है ....
हां ...उसकी जगह कोई दूसरा |||
......................नहीं ले सकता ||||
सुंदर अहसास।
ReplyDeletedhanywad atul ji
ReplyDelete