Wednesday, December 7, 2011

क्या लिखू आज .....

क्या लिखू आज .....
मुझे तो कोई शब्दों का सहारा नहीं मिलता |
कोई इतना मशगुल है , अपनी जिंदगी में, 
की उसका वो कहा प्यार भरा शब्द, दुबारा नहीं मिलता ||

जो की थी भूल मैंने .....
तो उसकी कोई भरपाई भी होगी |
जो भी सजा देनी चाहो , दे दो मुझे ||
पर कोई आप जैसा प्यार ...
और प्यार करने वाला दुबारा नहीं मिलता |

मैं जानती हु ...
की मेरा प्यार अब भी तुम्हारे दिलो जिश्म में है... बाकि |
पर कहा छुपा रखा है तुमने....
जो मेरे इतना खोजने के बाद भी, 
.......... दुबारा नहीं मिलता ||


7 comments:

  1. Sach kaha apne, dubara nahi milta, wo pal jo hum jeelete hai, ankhon se jise pee lete hain bas wo khwawo me hota hai aur hum to use mahsus karte lekin wo dubara nahi milta

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  2. मोहब्बत शब्द से नहीं बंधती शब्द मोहब्बत में बंधे आते हैं ....आप भी खूब हैं कहते हैं कुछ कहा ही नहीं .. आँख ही आँख में सब कुछ तो कहे जाते हैं l............... R.N.Soni

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  3. मोहब्बत शब्द से नहीं बंधती शब्द मोहब्बत में बंधे आते हैं ....आप भी खूब हैं कहते हैं कुछ कहा ही नहीं .. आँख ही आँख में सब कुछ तो कहे जाते हैं l............... R.N.Soni

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  4. LAJABAB PRASTUTI ..... VAH ... MERE BLOG PR AAPKA SWAGAT HAI .

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