अब तो आँखों में अश्क है
और बचा है... दर्द का शिल-शिला |
यु तो मेरा सफ़र अधुरा है ,
पर मंजिल का है,
बस मिनटों का फासला ||
दिल का दर्द आँखों से निकल
सिसकियो में
जगह पाता है |
पर मेरा दर्द तो
मेरा दिलबर ही
समझ नहीं पाता है ||
जो मैं अब पूछ बैठू लोगो से
.... हल इस मुश्किल का |
तो हर कोई बस सोचता ही रहा जाता है ,
पर उसकी रंजिस को
कोई प्यार में बदल नहीं पाता है ||
और बचा है... दर्द का शिल-शिला |
यु तो मेरा सफ़र अधुरा है ,
पर मंजिल का है,
बस मिनटों का फासला ||
दिल का दर्द आँखों से निकल
सिसकियो में
जगह पाता है |
पर मेरा दर्द तो
मेरा दिलबर ही
समझ नहीं पाता है ||
जो मैं अब पूछ बैठू लोगो से
.... हल इस मुश्किल का |
तो हर कोई बस सोचता ही रहा जाता है ,
पर उसकी रंजिस को
कोई प्यार में बदल नहीं पाता है ||
दिल का दर्द दिलवाला ही जाने...
ReplyDeleteबहुत खूब लिखा है आपने।
nice sundar likha hai
ReplyDeleteफिर किसी अपने ने जख्मों को हवा दी हैl
ReplyDeleteये लो चिंगारियों से राख हटाली है l l
लाख कोसिस की भूलने की भूल ना पाए l
उनकी यादों ने फिर से याद दिला दी है ll
फिर से जज्बात की आंधी ग़मों के दरिया में l
मेरे मांझी ने खुद ही नाव डूबा दी है ll
कभी जो अपने थे, जो हौंसले का कारण थे l
आज उस निगाहबां ने मुझको सजा दी है ll
रात दिन अश्के मोहब्बत के दौर चलते हैं l
जाने क्यूँ दर्द भरी नब्ज दबादी है ll
जमीं पर ढूँढता फिरता हूँ एक अक्षर कोl
जिसने मुहब्बत की ये किताब बना दी है ll
अब तो सब लोग भी कहते हैं मुझको दीवाना l
तेरी यादों ने ये पहचान बना दी है ll
दौर बारिश का सबको खूब सुकूं देता है ल
पर यहाँ आब में इक आग लगा दी है ll
तेरी मरजी है गम भी प्यार से कुबूलेंगे l
खाश एक बात ने ये बात सिखा दी है ll
होट सी लेंगे एक आह भी ना लेंगे सनम l
पर ना छोड़ेंगे याद, बात बतादी है !!
बेहतरीन प्रस्तुति ।
ReplyDeletedhanywad aap sabhi ka ji ....
ReplyDeleteक्या खूब लिखा है आपने..अच्छा लगा
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