मैंने सपनो में ख़ुशी खोजनी चाही, पर गम हाथ आया |
चलो ना मिली ख़ुशी तो गम ही सही ||
कम से कम ये खुशियों के बराबर है, कम तो नहीं |||
अब तो ना समझ बना रहना ही सुकून देता है |
कम से कम इस बहाने तो लोग समझ लेते है, मुझको ||
एक ख़ुशी की चाहत में, मैं अपना गम दुनिया को बता रही हु |
और उनके मुंह से बेचारी कहलाकर जशन मना रही हु ||
भले हमारा प्यार अधुरा रहा गया है |
पर तुम्हे दुबारा पाने की चाहत है पूरी ||
दिल से निकल रही है , ये पुकार ,नहीं है कोई मज़बूरी |
जो समझो मेरी तकलीफ ||
तो ये भी जान लो ...की जीने के लिए |||
तुम्हे याद करना है.... बेहद जरुरी ||||
चलो ना मिली ख़ुशी तो गम ही सही ||
कम से कम ये खुशियों के बराबर है, कम तो नहीं |||
अब तो ना समझ बना रहना ही सुकून देता है |
कम से कम इस बहाने तो लोग समझ लेते है, मुझको ||
एक ख़ुशी की चाहत में, मैं अपना गम दुनिया को बता रही हु |
और उनके मुंह से बेचारी कहलाकर जशन मना रही हु ||
भले हमारा प्यार अधुरा रहा गया है |
पर तुम्हे दुबारा पाने की चाहत है पूरी ||
दिल से निकल रही है , ये पुकार ,नहीं है कोई मज़बूरी |
जो समझो मेरी तकलीफ ||
तो ये भी जान लो ...की जीने के लिए |||
तुम्हे याद करना है.... बेहद जरुरी ||||
मैंने सपनो में ख़ुशी खोजनी चाही, पर गम हाथ आया |
ReplyDeleteचलो ना मिली ख़ुशी तो गम ही सही ||
कम से कम ये खुशियों के बराबर है, कम तो नहीं |||
dil se nikle gahre ehsaas
thanks rashmi ji ....
ReplyDeleteसुंदर अहसास।
ReplyDeleteयादों के सहारे कट जाती है जिंदगी....
कमेंट पोस्ट करने पर कमेंट प्रकाशित होने से पहले शब्द (word verification) पूछता है..... इसे हटाया जा सकता है।
ReplyDeleteब्लाग के डेशबोर्ड में जाकर सेटिंग, फिर टिप्पणियों पर जाकर वहां टिप्पणियों में शब्द पुष्टिकरण हटाया जा सकता है.....
ji atul ji
ReplyDeleteनहीं kiya hai mene टिप्पणियों के लिए शब्द पुष्टिकरण दिखाएं? nahi thik hai atul ji..
ReplyDeleteताजगी भरी चुभन है आपके लेखन में ... समुद्र की गहराई से झांकती प्यास जैसी ... जो अथाह गहराई में डूबकर भी तैरती रहती है ... एक लहर जो ना रुकी है .... किनारों को छूकर भी ... हर बार स्पंदन के बाद इठलाती सी .. बाहे खोल कर भी नहीं बाँध पाया कोइ ...बस .. एहशाश .. किया जा सकता है ... तपती ठिठुरन का..... (सलाम करता हू आपकी लेखनी को )
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