Thursday, December 22, 2011

तुम्हारे लिए जिती हूँ ...

ये वक्त हाथो से रेत सा 
फिसला जा रहा है ....
ये मेरा प्यार है ...
या कुछ और 
जो मुझे लगने लगा है |

की मेरा प्यार ..
मुझसे दूर जा कर
बस मुझे अपनी
जरूरत समझा रहा है |

मैं यूँ जीने मरने की बात
नहीं करती हूँ ...
लेकिन इस तरह दूर जाकर
शायद मेरा प्यार
मुझे अपनी अहमियत
ही बतला रहा है |

जो मैं हूँ वही
तो तुम्हारे लिए
जिती हूँ |
तो तुम्हारे दूर
जाने से
मर भी जाउगी |

लेकिन सच सुनते जाओ
तुम खुद से ही दूर जाना
चाहते हो |
ज्यादा दूर नहीं रह पाओगे
अगर भूलना भी चाहोगे
उसी समय आँखों के
सामने ही पाओगे |

7 comments:

  1. लेकिन सच सुनते जाओ
    तुम खुद से ही दूर जाना
    चाहते हो |
    ज्यादा दूर नहीं रह पाओगे
    अगर भूलना भी चाहोगे
    उसी समय आँखों के
    सामने ही पाओगे |
    Vah point ji behad khoob soorat rachana ke liye ... abhar.

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  2. आज ना जाने लिखते लिखते कलम क्यों थम सी रही है .....
    कहीं दूर से किसी जाने पहचाने के मंद से स्वर ....
    तेरे साथ रहने से जीना सीखा ... दूर रहे तो मारना भी सीख लेंगे.....
    ह्रदय के आर पार होते जा रहे हैं .... एक एह्शास ... जिम्मेदारी का ..
    मानो बरसों की नींद से जागकर अंगडाई लेने लगा है ...
    अंतस के स्वर शनै शनै स्वतः प्रस्फुटित हो रहे हैं ....
    हाँ वह सत्य है ... वह बहम नहीं है सत्य ही तो है ....
    परख .... खुद भी परख ...
    दूर रहकर जो तू साँस ले रहा है ... क्या वास्तव में तू ज़िंदा है?!
    वह अल्हड सी हंसी जिसको सुनने को तेरे कान हिरन की तरह ...
    हर आहाट पर चौंक जाते हैं .... और नीरवता के अंधेरों में ...
    सुनना केवल अपनी ही धडकनों का शोर .... क्या यह तेरा जिंदापन है?!
    देख ...देख ..शायद वो तेरी खुद की धुंधली सी परछाई उसीकी हो...
    जिसके दीदार को प्यासे नैनों की प्यास तू अपने आंसुओं से बुझाता रहा है ...
    यह भी तो जिंदगी नहीं है .... जब तू बिना उसके साँस लेकर भी ज़िंदा नहीं ...तो ...
    उसकी साँसों में बसा तू यदि उससे दूर है तो ... फिर ...... वो ....................
    उफ़!!!! ... ना जाने क्यों ये कलम थम सी रही है!

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  3. कितनी सुन्दर अभिव्यक्ति है,
    शब्द-शब्द में दर्द भरा है।
    point आपकी कविता पढ़करष
    हुआ ये मेरा दर्द हरा है।।

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  4. खूबसूरत अहसास बहुत सुंदर प्रस्तुति,....
    एक अनुरोध आपसे अपनी रचना २-३ के अन्तर से पोस्ट करे ताकि लोग अधिक से अधिक आपके ब्लॉग "नएपोस्ट" में पहुच सके,..
    निरंतर प्रयाश इसी तरह करती रहे,मेरी बहुत२ शुभकामनाए......

    नई रचना के लिए काव्यान्जलिमे click करे

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  5. प्यार के माध्यम से मृदुल कोमल भावों की सुन्दर अभिव्यक्ति की है
    ..........दिल को छू लेने वाली प्रस्तुती

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