Thursday, December 22, 2011

मुझे और भी ज्यादा --- प्यार करना सिखा जाते है ....

यूँ तो इसमें कुछ नया नहीं ..
वही एक लड़की ,लड़के की 
जिती जगती प्रेम कहानी है ,बस |

पर इस प्रेम कहानी में 
जिना जितना है मुश्किल |
उतना ही मुश्किल है ,
उसे दो लब्जो में कहना |

मैं क्या कहूँ
ये तो मेरी ही प्रेम कहानी है
जिसका हर लम्हा ...
है सबसे अनजाना |

ये मेरा अहसास ,
कब यादों में बदल जाता है |
अब तो मेरा दिन क्या रात क्या
उनका चेहरा ही सब कुछ
बन जाता है |

ये तड़प, ये फासले
मुझे उनसे
दुरी की याद दिला
जाते है |
पर क्या करू प्यार के
अलावा |
मुझे और भी ज्यादा ---
प्यार करना सिखा जाते है |

12 comments:

  1. हां ये मेरी ही प्रम कहानी है .... बहुत खूब

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  2. प्‍यार ऐसा ही होता है.....

    सुंदर रचना।

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  3. खूबसूरत। काव्य कौशल की झलक प्रभावशाली है

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  4. सुन्दर रचना, मुग्ध करते भाव, सादर.

    पधारें मेरे ब्लॉग पर भी, आभारी होऊंगा.

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  5. प्रेम कहानी में ऐसा ही होता है,....खुबशुरत रचना,....

    मेरे पोस्ट के लिए "काव्यान्जलि" मे click करे

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  6. वाह ...बहुत खूब ।

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  7. बहुत बहुत आभार आप सभी का जी ....

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