Monday, December 19, 2011

इस हंसी रात में जो कुछ माँगू.......

इस हंसी रात में जो कुछ माँगू,
तो माँगू सिर्फ तुम्हारा साथ |
और जो अगर कुछ देखना चाहू  ,
तो देखू  मुझसे जुदाई का गम 
आपकी भी आँखों में |

यु आपको रुलाकर  मेरा दिल 
कभी-भी शुकून नहीं पायेगा |

बस इतनी सी आरजू है मेरी ,
की चलो इस बहाने कम -से -कम 
आपकी आँखों से निकली  ,
आंसू की छोटी सी बूंद से ही  ,
आपकी जुदाई का सारा गम ...
भर जायेगा |


14 comments:

  1. बहुत खूब!

    सादर
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    जो मेरा मन कहे पर आपका स्वागत है

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  2. आपका बहुत आभार ....

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  3. बेहद ख़ूबसूरत और उम्दा

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  4. धन्यवाद संजय भास्कर जी...

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  5. की चलो इस बहाने कम -से -कम
    आपकी आँखों से निकली ,
    आंसू की छोटी सी बूंद से ही ,
    आपकी जुदाई का सारा गम ...
    भर जायेगा |
    खूबसूरती से लिखी हुई सुन्दर रचना

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  6. गहरे अहसास।
    सुंदर रचना।

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  7. बस इतनी सी आरजू है मेरी ,
    की चलो इस बहाने कम -से -कम
    आपकी आँखों से निकली ,
    आंसू की छोटी सी बूंद से ही ,
    आपकी जुदाई का सारा गम ...
    भर जायेगा |

    आंसुओं के साथ मन दर्द भी बह जाता है...... बेहद सुंदर

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  8. सुंदर भावपूर्ण अभिव्यक्ति..

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  9. खुबशुरत भावपूर्ण सुंदर रचना लिखने की बहुत२ बधाई,...निरंतर इसी तरह लिखती रहे मेरी शुभकामनाए आपके साथ है,.बढ़िया पोस्ट....

    मेरी नई पोस्ट के लिए काव्यान्जलि मे click करे

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  10. आप सभी का बहुत-बहुत आभार ...

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