आज आसमा से जमीन
दूर हो गयी है ,
हम तो बेसहारे है ,
इस बेवफा जहाँ में |
जो हमने बुलबुलों में
नीला आसमान छुपा रखा है |
तो सुनले वो मेरी भी कहानी |
की तक़दीर में प्यार की तलाश,
ओ मेहबूब तेरे दिल के पास ही थी ..|
जो दुनिया में हम आज जिन्दा हैं ??
तो वो है, इस अधूरे प्यार की अधूरी आश में |
क्या खूब लिखा है आपने .....कमाल हैं आप भी !
ReplyDeleteबहुत सुंदर कविता के लिए हृदय से आभार और बधाई !
धन्यवाद आभार आपका ..
Deleteबेहतरीन अभिव्यक्ति सुंदर कविता,,,,, ,
ReplyDeleteMY RECENT POST,,,,काव्यान्जलि ...: ब्याह रचाने के लिये,,,,,
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ReplyDelete♥बहुत सुन्दर प्रस्तुति♥
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-=-सुप्रभात-=-
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बुलबुलों में छिपा नीला आसमान...................
ReplyDeleteवाह...
बहुत सुन्दर.
अनु