जिन्दगी एक पहेली ....
कल क्या होगा, एक सवाल ...??
कर्म की शिक्षा देता, हर इन्सान ..
कहता , फल की चिंता क्यों करे ??
जब देखा रहा है , सब कुछ भगवान |
कभी हँसता , कभी रोते ....
कुछ पहेलियाँ हल करता .... |
और कुछ देर खुश होकर ,
अपने कुछ ग़मों को भूल ..
नयी उम्मीद , नयी ऊर्जा लिए ..
फिर एक नयी पहेली का ....
हिस्सा बन जाता है , हर इन्सान |
JINDGI EK PHELI BAHOOT SUNDER VISHAYE SUNDER BHAW AUR SUNDER SANDESH KO LEKER LIKHI GYEE YE KHOOBSOORAT RACHNA SUNDER CHTER KE SATH VASTAV ME KABILE TAREEF HAI.MANGALKAMNAEN.
ReplyDeleteसही कहा है बढ़िया रचना !
ReplyDeleteधन्यवाद ...बहुत बहुत शुक्रिया ..
ReplyDeleteजिन्दगी एक सफर है सुहाना,यहा कल क्या हो किसने जाना,,,,,
ReplyDeleteसुंदर प्रस्तुति,,,,,
RECENT POST,,,,,काव्यान्जलि ...: आश्वासन,,,,,