वो ना लोटे पलटकर , पर हमें ...
भूलने की शुरुआत कर दी |
तो हमनें भी चाहा भुला दे ...उनको ,
भला बुझती हुई लों के साथ,
कौन जलता है ???
कह दिया-- की वो बेवफा है ...
उन्होंने प्यार में रुसवाई कि है |
पर जब वो हमारे पास से गुजरे ...
दिल ने कहा -- जरा देख लूँ ,
" बस एक नज़र "
आखिर जो भी हो ....
सामने से मेरा प्यार आ रहा है |
तब मेरे मन ने कहा - हाय रे बेचारे दिल ,
तू क्या सोचता है , जिसने तेरे प्यार को भूल मानकर ..
उसकी जिन्दा चिता जलाई है .. और एक तू है ...
जो उस राख में प्यार की उम्मीद खोजता है |
dil me pyar ka dard liye khoobsoorat pantiyan.
ReplyDeleteआपका बहुत - बहुत आभार ...
ReplyDeleteबढिया....
ReplyDeleteगहरे भाव
भूलने की शुरुआत कर दी |....... क्या बात है
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