जो होना था , हो गया
जाने अनजाने में भूल की हमने ,
लेकिन अब भी रह-रहकर
वो बाते याद आती है |
जो अब मुझसे रूठ गया ..
उसे अपनी ख़ुशी में जीने दो ,
हम तो एक ठोकर थे ...
जो कभी उन्हें चोट दिया करते थे |
बेहते ग़मों को ना रोक ...
उसे बहाने दो ...
मेरा दिल टूट गया ..
ये जोड़े ना जुड़ेगा ... अब |
मैं तो उस डूबते सूरज
की तरह हूँ ....
जिसकी बची रोशनी भी ,
अँधेरे में खोने का
इंतजार करती है |
अच्छा भाव प्रबंध है .उद्वेग को दिशा दी और अपनी राह हो लिए .अच्छी प्रस्तुति .
ReplyDeleteबहुत बेहतरीन भाव अभिव्यक्ति अच्छी प्रस्तुति ,,,,,
ReplyDeleteRECENT POST ,,,,फुहार....: न जाने क्यों,
वाह बेहद खूबसूरत शब्दों की अभिव्यक्ति ....
ReplyDeleteaap ka bahut bahut dhanywad ...
ReplyDeleteवे बातें इसी तरह याद आती हैं और याद आती रहेंगी!!
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