बस जिन्दा रह गये है .....
यह जीवन की राहें ..
जो हमें भूल जाएँ ,
तो अच्छा होता ...
ऐसे जहाँ से
दिल लगायें भी क्यों ??
हालत पे अपनी ...
तो शबनम भी रोये
पर कोई कहता है ,
हम भूल गये उनको
बरबादियों की अजब
कहानी सी बन गये है ,
वादे भूलते , कसम तोड़ते
बस जिन्दा रह गये है |
बरबादियों की अजब
ReplyDeleteकहानी सी बन गये है ,
वादे भूलते , कसम तोड़ते
सुंदर सार्थक भावपूर्ण अभिव्यक्ति ,,,,,
MY RESENT POST,,,,,काव्यान्जलि ...: स्वागत गीत,,,,,
बहुत बढिया।
ReplyDeleteजैसा भी हो हर हाल में जीना तो पढता है ... साँसों का खेल खेलना पढता है ...
ReplyDeleteज़िन्दगी है... तो अनंत संभावनाएं हैं!
ReplyDeleteआभार आप सभी का .....
ReplyDeleteबेहद उम्दा भाव है ... शुभकामनायें !
ReplyDeleteइस पोस्ट के लिए आपका बहुत बहुत आभार - आपकी पोस्ट को शामिल किया गया है 'ब्लॉग बुलेटिन' पर - पधारें - और डालें एक नज़र - रुपये की औकात बता दी योजना आयोग ने - ब्लॉग बुलेटिन
खूबसूरत लेखन
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