Saturday, June 16, 2012

ना सोचियेगा की हम है बच्ची ...

कम नहीं किसी से हम ...
बस देखने की नजर होनी चाहिए.
मानती हूँ मेरी उम्र है अभी कच्ची ...
पर ना सोचियेगा की हम है बच्ची |

मेरी किस्मत में अब नहीं है , प्यार ..
तो क्या ?? हमनें भी किसी को ,
कभी सच्चे दिल से चाहा था ....|

क्या करे जो मेरे प्यार की
उम्र नहीं थी लम्बी ....
पर अब भी हम खुश है , उनके ....
बेवफाई के इल्जामों से |

कसूर दिल का ही है ,
जो उन्हें अब तक भूल ना पाया है ..
लेकिन ख़ुशी इस बात की है ,
की वो भूल गये हमकों मतलबी कहके |


6 comments:

  1. बहुत बेहतरीन रचना....

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  2. कम नहीं किसी से हम ...
    बस देखने की नजर होनी चाहिए.,,,,,

    वाह ,,,, बहुत बेहतरीन रचना,,,,,

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  3. आपका बहुत - बहुत आभार ...

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  4. क्या करे जो मेरे प्यार की
    उम्र नहीं थी लम्बी ....
    पर अब भी हम खुश है , उनके ....
    बेवफाई के इल्जामों से |............ मस्‍त लिखते हो ...... हार्ट टचिंग

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  5. ---प्यार-दिल-बेवफ़ाई...लिखने वाला ..बच्ची कैसे हो सकता है....

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