जो देखोगे मेरी आँखे ,
पाओगे उन्हें ...
अब तो मेरी आँखे ,
उनके लिए काँटों को ,
चुनने का काम करती है |
अब कुछ पुकारू तो ,
उनका नाम ही जुबान पर
आता है |
अब तो सुबह क्या शाम क्या
उनका के नाम ही जीवन सा
होता जाता है |
क्या देखू , उनकी तश्वीर ??
उनको तो पलकों में सजाया है हमने ,
अब तो जीना क्या मारना क्या ??
उनकी हर यादो को जीवन सा
सुन्दर सजाया है , हमने |
जो सोचोगे इसमें सिर्फ सुन्दरता है ,
तो खूब मुस्कुराओगे ,
आज मैं जी रही हूँ , उनकी यादो से
क्या कल आप हमे भूल जाओगे ???
पाओगे उन्हें ...
अब तो मेरी आँखे ,
उनके लिए काँटों को ,
चुनने का काम करती है |
अब कुछ पुकारू तो ,
उनका नाम ही जुबान पर
आता है |
अब तो सुबह क्या शाम क्या
उनका के नाम ही जीवन सा
होता जाता है |
क्या देखू , उनकी तश्वीर ??
उनको तो पलकों में सजाया है हमने ,
अब तो जीना क्या मारना क्या ??
उनकी हर यादो को जीवन सा
सुन्दर सजाया है , हमने |
जो सोचोगे इसमें सिर्फ सुन्दरता है ,
तो खूब मुस्कुराओगे ,
आज मैं जी रही हूँ , उनकी यादो से
क्या कल आप हमे भूल जाओगे ???
Ek ek line dil ko chu kar ke nikla jate hain...bahut sundar aur bahut hi acchi prastuti..
ReplyDeletethanks ji
ReplyDeleteKabhi na bhulenge tumko
ReplyDeletebahut achcha ...
ReplyDeleteउनकी हर यादो को जीवन सा
ReplyDeleteसुन्दर सजाया है , हमने |
जो सोचोगे इसमें सिर्फ सुन्दरता है ,
तो खूब मुस्कुराओगे ,
आज मैं जी रही हूँ , उनकी यादो से
क्या कल आप हमे भूल जाओगे ???
बहुत सुन्दर.
प्रेम का अतिरेक प्रकट करती सुंदर, भावमयी रचना.
ReplyDeleteतश्वीर(W) * तस्वीर(R)
धन्यवाद जी ...आप सभी का आभार
ReplyDeleteवाह ...बहुत खूब ।
ReplyDeleteखूबसूरत रचना...
ReplyDeleteसादर..
बहुत ही अच्छी कविता लिखी है
ReplyDeleteआपने काबिलेतारीफ बेहतरीन
SANJAY KUMAR
http://sanjaybhaskar.blogspot.com